लाय सजीवन लखन जियाये। श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।’ मनोजवम् मारुततुल्यवेगम् जितेन्द्रियम् बुद्धिमताम् वरिष्ठम्। बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।। तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा। राम मिलाय राज पद दीन्हा॥ अंजनीगर्भ संभूत कपीन्द्र सचिवोत्तम । ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि। It is incredibly important to pronounce the mantra Obviously and https://prxdirectory.com/listings13228471/hanuman-mantra-no-further-a-mystery